दानवीर कर्ण के अज्ञात रहस्य जो आपने कभी नहीं सुने होंगे ✓ भाग-1
भाग - 1
महाभारत केवल एक युद्ध की गाथा नहीं, बल्कि हर पात्र की अपनी अनसुनी कहानी है। और जब बात हो दानवीर कर्ण की, तो केवल वीरता की चर्चा नहीं, बल्कि उनके जीवन से जुड़े गहरे रहस्य भी सामने आते हैं।
आज हम जानते हैं कर्ण के जीवन से जुड़े कुछ अज्ञात रहस्य, जो उन्हें और भी महान बना देते हैं।
1. कर्ण सूर्यपुत्र थे, लेकिन जन्म से ही त्याग दिए गए
कर्ण का जन्म देवी कुंती और सूर्यदेव के योग से हुआ था। वह कुंती का अविवाहित अवस्था में जन्मा पुत्र था।
समाज के डर से कुंती ने उन्हें एक संदूक में रखकर गंगा में बहा दिया। यह वही कर्ण था, जो बाद में पांडवों का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बना।
2. कर्ण ने कभी अर्जुन से द्वेष नहीं रखा
कर्ण और अर्जुन को शत्रु के रूप में दिखाया जाता है, लेकिन कर्ण के मन में अर्जुन के लिए व्यक्तिगत द्वेष नहीं था।
वह केवल अपनी प्रतिष्ठा और सम्मान की रक्षा के लिए लड़ रहा था। उनके बीच मुकाबला एक धर्मयुद्ध था, न कि द्वेष की लड़ाई।
3. इंद्र ने ब्राह्मण बनकर कर्ण से कवच-कुंडल मांगे
कर्ण का जन्म कवच और कुंडल के साथ हुआ था, जो उसे अजेय बनाते थे। युद्ध से पहले, इंद्र ने ब्राह्मण का रूप धारण कर कर्ण से उनका दान मांगा।
कर्ण ने बिना किसी झिझक के उन्हें दे दिया। यही कारण है कि वह "दानवीर" कहलाए।
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